अब हम ने भी
कलम रखना सीख लिया है ,
जिस दिन भी कोई कहेगा कि हम तुम्हारे हैं ,
दस्तखत करवा लेंगे। ।
मैं शायर और वो मुरीद,
कम्बख़्त सारी मुलाकात वाह वाही में गुजरी.....!!
इक रोज आयेगा वो तमाम फुरसतें लेकर.,
इक रोज़ हम कहेंगे ज़रूरत नही रही...!!
प्यार के दामन में लिपटे हम कहाँ तक आ गए...,
हम नज़र तक चाहते थे,तुम तो दिल पर छा गए...!!
मेरी रूह में रहता है हरदम,
मखमली सा एहसास तुम्हारा,,
आहिस्ता आहिस्ता साँसे लेता हूँ,
कहीं तू बिखर ना जाए !!
मन चाहा पाने के लिए...
मन से चाहना पड़ता है..!!
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