खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
किस धागे से
बांध लिया है तुमने..
जो खींच लेता है
तेरी और मुझे.....
कोई राह हम भटक़ जायें ख़ुदा करे,
कि तेरे दर तक़ पहुच जायें ख़ुदा करे.....
मुक़र्रर तो है,मग़र मालूम नही कब है,
वो मुलाक़ात जो आख़िरी होगी हमारी...
जुदाई के डर से मैं किसी के क़रीब भी नहीं जाता,,, ¡¡
फिर बताओ बिछड़कर तुझसे मैं किसके पास जाता... !!
बड़ा खूबसूरत सा एहसास है..
कोई मेरे लिए कुछ लिखे पर मेरा नाम ना लिखे..!!🙈🙈
क्यूँ किस लिए जुदा हुई मैं अपने शायर से,
वो कभी कभी तन्हाई में यही सोचती होगी।
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