तेरे कंधे पर बिखर जाए हम भी,
तू संवारे जो जुल्फें संवर जाए हम भी,
मिला ले सुर्ख लाली में कभी अपनी,
तेरे हाेठाें पर किसी दिन बिखर जाए हम भी,
बेशक इत्र की बाेतल में बंद कर लें हमें ,
कि स्पर्श की तरह तुझ में उतर जाए हम भी ।
कुछ लोग हमारा अब पैसों से मोल करने लगे है
कोई उन्हें जाकर ये बता दो
जब उनके पैसे वाले काम नहीं आए
तब हम ही ने उनको संभाला था🤗
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