उसने मेरा गुरुर भी कुछ ऐसे तोड़ दिया,
आँखों को चूमा और होंठों को छोड़ दिया।😘
इस शहर को रास आई हम जैसों की गुम-नामी
हम नाम बताते तो ये शहर भी जल जाता
जो अपने जीते-जी को कुएँ में डुबोइए
तो चाह में किसी की गिरफ़्तार होइए
आँखों में आँखें डालकर तुम्हारा दीदार,
ये कशिश बयाँ करना मेरे बस की बात नही।
0 Comments