कुछ लोग ज़रा देर में खुलते हैं किसी से
पहली ही मुलाक़ात से मायूस न होना...
फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है....
इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है....!!!
कब चाहा के हमराज़ बनके चल,
बस तू चल चाहे राज़ बनके चल।
इक सुकून सा रूह को है मिलता,
मेरी तन्हाई में आवाज़ बनके चल।
मैं हवा हूँ, मुसलसल बहता रहूँगा,
तू बहती ख़ुश्बू, मेरे साथ बनके चल।
जबसे तू मिला है, मिला हूँ ख़ुदसे,
हक़ीक़त से दूर, तू ख़्वाब बनके चल।
पत्थर पे लिखा अल्फ़ाज़ हूँ मैं,
नहीं बदलूँगा ख़ाक बन कर भी,
तुम्हारा क्या?
रेत पे लिखे लफ्ज़ हो,
हर बार बदल जाते हो नई लहर के साथ।
सिसकती रुत को,
महकता गुलाब कर दूँगा।
मैं इस बहार में,
सब का हिसाब कर दूँगा।
मैं इंतिज़ार में हूँ,
तू कोई सवाल तो कर।
यक़ीन रख,
मैं तुझे ला-जवाब कर दूँगा।
आँखों में कभी सुलगे,
कभी बुझे से,
मोहब्बत के ख्वाब रहने दो।
गीली लटों में तेरी उलझे से,
मेरे अहसास रहने दो।
रहने दो तेरी आग़ोश में,
मेरा बिखरा संभला सा वजूद।
ख़्वाहिशों में मेरी,
वस्ल की एक रात रहने दो।
गुजरता है मेरी हर सांस से,
तेरा नाम आज भी।
ढलती है तेरे इंतजार में
मेरी हर शाम आज भी।
तुझ को मुझ से बिछड़े हुए,
इक जमाना हो गया।
पर होती है तेरे नाम से,
मेरी पहचान आज भी।
खुद में समा सकूँ ज़िसको वो अक्स कहाँ ढूंढूँ,
मेरे बिन वो भी अधूरा हो वो शख़्स कहाँ ढूंढूँ...!
वापसी का तो सवाल ही नही,
आँसुओ की तरह निकला हूँ मै..
कतरा कतरा बिखरता क्यूँ है?
वो मेरी रूह में उतरता क्यूँ है?
मैं आइना तो नहीं हूँ उसका,
वो मुझे देख के सँवरता क्यूँ है?
मुझको पहचानता नहीं है अगर,
देख कर साँस मुझे भरता क्यूँ है?
उसके ही हाल से हुआ है ये हाल मेरा,
फिर मेरे हाल से वो डरता क्यूँ है?
2 Comments
उसके ही हाल से हुआ है ये हाल मेरा,
ReplyDeleteफिर मेरे हाल से वो डरता क्यूँ है?
*लोग वही आपको तबाह करेंगे___*🎋
ReplyDeleteकिसी को बार-बार एहसास दिलाना पड़े, ऐसी मोहब्बत से तो तन्हाई ही अच्छी..!!