छू गया जब कभी ख्याल तेरा, दिल मेरा बहुत देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया घर में और घर बहुत देर तक महकता रहा !!
उसूल-ए-मुहब्बत तो यही कहता है के ,
एक ही शख़्स पे दास्तान ख़त्म हो जाये।
यकीं था उसे, मैं उसका ही हूं,
फ़िर भी, उसने झिंझोड़ के देखा !!
जानती थी, गिर के टूट जाऊंगा,
फ़िर भी, उसने छोड़ के देखा !!
इल्म था उसे, मेरे दिल में है वो,
फ़िर भी, उसने तोड़ के देखा !!
मालूम था उसे, नस नस में है वो,
फ़िर भी, उसने निचोड़ के देखा !!
पाँव में अब कोई ज़ंजीर नहीं डालते हम...
दिल जिधर ठीक समझता है उधर जाते हैं हम...
तेरी आँखों के जो ' कंचे ' हैं ,
बगैर लाईसेंस के ' तमंचे ' हैं...❤️🔫
बना के छोड़ देते हैं वो अपने वुजूद का आदी,
कुछ लोग इस तरह भी मोहब्बत का सिला देते हैं।
नुमाइश जिस्म की बे-इज्जती करती है इश्क़ की,
मैं सादगी का कायल हूँ, पूरे लिबास में आना।
कुछ राते जागने के लिए बनाई गई ,
और कुछ लोग बनाए गए रातों को जागने के लिए..
माना मुश्किल है ये सफर...
पर तुम तक पहुंचना जिद है मेरी !!
यक़ीन कर वो तेरे पास लौट आएगी,
जब उसका उठने लगेगा यक़ीन औरों से।
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