कभी उसने भी हमें मोहब्बत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
बेरंग सी जिंदगी,
रंगीन ख्याब हो तुम !
तन्हा शामें,
खूबसूरत पलों की याद हो तुम ...
तेरी एक हँसी पे ये दिल कुर्बान कर जाऊँ,
ऐतराज ना हो अगर तो तेरा दिल चुरा ले जाऊँ,
ना बहने दुँ कभी इन आँखों से आँसू,
तु कहे तो तेरे सारे सितम सह जाऊँ।
हँसता हुआ रखूँ तेरे लबों को हमेशा,
छू कर जिन्हें वो प्यारी मुस्कान दे जाऊं।
सफ़र धूप का किजिए तब तजुर्बा होगा,
वो ज़िंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली हो।
थाम रखा है तेरे, इश्क ने इस कदर...
कई जनमो से हम, हमसफर हो जैसे..
तुम हसीन हो तुम्हारी फिक्र हर किसी को होगी,
हम आशिक हैं अपना ख्याल खुद ही रखते हैं।
उसकी मोहब्बत को इस कदर निभाते हैं हम ,
वो नहीं है तकदीर में फिर भी उसको चाहते हैं हम..!
0 Comments