नियत ए शौक भर ना जाये कहीं,
तू भी दिल से उतर ना जाये कहीं,
आज देखा है तुझको देर के बाद.,
आज का दिन गूजर ना जाय कहीं..!
लगा के इश्क़ की बाज़ी सुना है रुठ बैठी हो..!!
मोहब्बत मार डालेगी अभी तुम फूल जैसी हों..!!
बक्शीश मत दे मुझे इन चंद मुलाकातों की,
गर इश्क है तो हर लम्हा मेरे नाम कर..!!
मैं क़ाबिल नहीं तेरी मोहब्बत के शायद,
तुम बांटों इसे हक़दारों में तुम्हारे...
जिसे हम मिल गए पूरे के पूरे,
उसे ये बात इतनी सी लगी है ।।
गम नही अगर कोई समझ ना सके मुझको,
मैं फुरसत की चीज़ हूँ और ज़माना जल्दबाज़ी में है।
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