सवाल कुछ भी हो, जवाब तुम ही हो
रास्ता कोई भी हो, मंज़िल तुम ही हो
दुःख कितना ही हो, ख़ुशी तुम ही हो
अरमान कितने भी हो, आरज़ू तुम ही हो
गुस्सा कितना भी हो, प्यार तुम ही हो,
इज़हार-ए-इश्क़ हुआ उनसे
अरसे इंतज़ार के बाद,
इंतज़ार ही मिला मुझे
इक़रार-ए-इश्क़ के बाद,
Smile....😒
मयस्सर हो बस इतना
आरज़ू-ए-इश्क़ सलामत रहे...
मुलाकात हो ना हो परवाह नहीं
लफ़्ज़ों में इकरार सलामत रहे...
अपनी अपनी नज़रों का हिसाब है मुरारी...
किसी को नफ़रतें सुकून देती है,तो किसी को चाहते रुला देती है...
Smile...😊😒
मुझसे अब तो कर इजहार-ए- मोहब्बत
देख अब तो मोहब्बत का महीना भी जाने की कगार पर हैं....
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